अपनी पलकों से आँसु मीटा दे;
देख! क्या खुबसूरत सवेरा आया है!
तु सोच मत उस रात के बारे मे;
वो अँधेरा राख बन चूका है;
तेरे अंदर के खुदा को तु पहचान,
भरी हुई आँखों से उसे नीराश मत कर;
प्यार भरा ये पुरा जहाँ तेरे सामने है,
इसकी बाँहों मे अपनी तमन्नाओ को सवार ले;
जादू की तरह हर मौसम बदलेगा,
तु बस अपने वीश्वास से आज को स्वीकार ले!
~kRUPa
[Please pardon the Hindi fonts out here ;) I am saying this because I know some of the letters are not displayed the way they should be!]
3 comments:
Yeh... aap ne likha?
Ji ha.. main generally mere blog par khud hi likhti hu..
agar aapne abhi tak ye na jana.. to fir mere blog ko kya jana..
:)
Badiyan...
:) Wah! Wah!
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